हर 3 सेकंड में दुनिया में कहीं न कहीं ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर होता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी सिचुऐशन है जिसमें हड्डियों की डेनसिटी कम हो जाती है खासकर कलाई, कूल्हे और रीढ़ की हड्डियों की जिससे हड्डी टूटने या फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति में गिरने की छोटी-मोटी घटनाओं या हड्डी पर जरा सा दबाव पड़ने से भी गंभीर फ्रैक्चर हो सकता है। इस वजह से न सिर्फ काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है बल्कि कई बार अस्पताल में भर्ती होने और सर्जरी तक की नौबत आ जाती है। भारत में अनुमानित 36 अरब (मिलियन) लोग ऑस्टियोपोरोसिस की परेशानी के साथ जी रहे हैं लेकिन अधिकांश लोग तब तक इस ओर ध्यान नहीं देते जबतक कि फ्रैक्चर न हो। आपको बता दें कि दुनिया भर में 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस डे लोगों को इसके प्रति सचेत करने और इसके उपचार की जानकारी देने के उद्देश्य से ही मनाया जाता है। इस साल भी कई कार्यक्रमों के आयोजन के जरिए लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस के प्रति अवेयर किया गया।
हेल्दी लाइफस्टाइल ही रोक सकता है ऑस्टियोपोरोसिस को