भारतीय स्पाइनल इंजरी सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर और स्पाइन डिपार्टमेंट के हेड डॉ. एच.एस. छाबड़ा बताते हैं सामान्यतः पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्यादा होता है खासकर मेनोपॉज के बाद। महिलाओं में एस्ट्रोजन हड्डियों के बोन मास को बढ़ाने में मदद करता है और मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन में काफी गिरावट आती है जिससे हड्डियों को नुकसान पहुंचता है। भारतीय महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक है क्योंकि उनमें हड्डियों का बोन मास कम है। यही कारण है कि पश्चिम के मुकाबले यहां 10 साल पहले कमर की हड्डी टूटने जैसी परेशानी देखी जाती है। पुरुषों में 70 वर्ष की आयु के बाद हड्डियों का नुकसान तेजी से बढ़ता है।
इन वजहों से ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा