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इस किले में कुल सात दरवाजे है, जिनमे जयपाल (अर्थ – जीत) गेट का भी समावेश है, जिसे महाराजा मैन सिंह ने जयपुर और बीकानेर की सेना पर मिली जीत के बाद बनाया था। फत्तेहपाल (अर्थ – जीत) गेट का निर्माण महाराजा अजित सिंह ने मुघलो की हार की याद में बनाया था। किले पर पाए जाने वाले हथेली के निशान आज भी हमें आकर्षित करते है।