इसे देखकर मुल्तान के सभी 5 पीरों ने उन्हे आशीर्वाद दिया और घोषणा की कि वह सारी दुनिया में रामशापीर, रामपुरी या हिंदवपीर के नाम से जाने जाएंगे। तब से रामदेवजी को भी रामशापीर के रूप में जाने गए। तब से बाबा रामदेव रामशपीर के रूप में मुस्लिमों के रूप में भी माने गये है।
<no title>